प्रेमाश्रम--मुंशी प्रेमचंद

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प्रस्तुत प्रश्न को यह नया स्वरूप दे कर ज्ञानशंकर विदा हुए। यद्यपि हत्या के सम्बन्ध में डॉक्टर साहब की अब भी वही राय थी, लेकिन अब यह गुनाह बेलज्जत न था। ...

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